नमस्कार किसान भाइयों ! इस माह में रबी की फसलें कट चुकी होती हैं। अगली फसल के बोने की तैयारी चल रही होती है। अब प्रश्न यह उठता है कि इस समय कोन सी फसल उगाए जिससे अधिक लाभ की प्राप्ति हो? आइये जानते हैं उन फसलों के बारे में जिनकी बुवाई करके अधिक लाभ प्राप्त हो सके, कुछ महत्वपूर्ण फसलें इस प्रकार हैं- हल्दी की खेती – किसान भाइयों हल्दी एक उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र की फसल है। हल्दी के लिए 30℃ से 35℃ ताप अंकुरण के समय उपयुक्त रहता है। किसान भाइयों हल्दी की खेती बलुई दोमट या मटियार दोमट मृदा में सफलतापूर्वक की जाती • उन्नत जातियाँ- हल्दी की पूना, सोनिया, गौतम, रशिम, सुरोमा, रोमा, कृष्णा, गुन्टूर, मेघा, सुकर्ण, आदि किस्मे जिनका चुनाव किसान भाई कर सकते हैं। कपास की खेती – कपास की खेती का मानव जीवन में बहुत अधिक महत्व है। कपास के धागे से सूती वस्त्र बनाये जाते हैं तथा आज कल टेरीकॉट आदि कपड़ो में भी सूती धागों का मिश्रण किया जाता है। इसके अतिरिक्त बिनौलों से वनस्पति घी बनाया जाता है तथा बिनौले की खली पशुओं के खिलाने के काम आती है। इसके बीज के अंकुरण के लिए 20℃ से 30℃ ताप की आवश्यकता होती ...
टमाटर आमतौर पर ग्रीष्म ऋतु में होनेवाली फसल है। इसके लिए गर्म और नर्म मौसम की जरूरत है। टमाटर का पौधा ज्यादा ठंड और उच्च नमी को बर्दाश्त नहीं कर पाता है। ज्यादा रोशनी से इसकी रंजकता, रंग और उत्पादकता प्रभावित होता है। विपरीत मौसम की वजह से इसकी खेती बुरी तरह प्रभावित होती है। बीज के विकास, अंकुरण, फूल आना और फल होने के लिए अलग-अलग मौसम की व्यापक विविधता चाहिए। 10 डिग्री सेंटीग्रेड से कम तापमान और 38 डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा तापमान पौधे के विकास को धीमा कर देते हैं। टमाटर के पौधे का विकास 10 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच होता है लेकिन सबसे अच्छी वृद्धि 21 से 24 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में होता है। 16 डिग्री से नीचे और 27 डिग्री से ऊपर का तापमान को उपयुक्त नहीं माना जाता है। टमाटर का पौधा पाला को बर्दाश्त नहीं कर पाता है और इस फसल को कम से मध्यम स्तर की बारिश की जरूरत होती है। साथ ही ये 21 से 23 डिग्री के मासिक औसत तापमान में अच्छा परिणाम देता है। ज्यादा पानी का दबाव और लंबे वक्त तक सूखापन टमाटर के फल में दरार पैदा कर देता है। अगर फल निकलने के दौरान पौधे पर अच्छी रोशनी पड़ती ह...